नीट मामले में CBI ने दाखिल की चार्जशीट, जानें आरोपियों के नाम; पेपर लीक में किसका क्या रोल

विवादो में नीट परीक्षा

नई दिल्ली:

गुरुवार को नीट-यूजी पेपर लीक मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की है. इस चार्जशीट में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 13 लोगों के नाम दर्ज किए हैं,जिनमें चार अभ्यर्थी,एक जूनियर इंजीनियर और दो सरगनाओं के नाम शामिल है. मेडिकल प्रवेश परीक्षा को लेकर संसद से लेकर सड़क तक हंगामा देखने को मिला और परीक्षा दोबारा कराने की मांग की गई. नीट पेपर लीक पर इतना हंगाम बरपा की मामला कोर्ट तक जा पहुंचा. यहां तक कि पेपर लीक को लेकर देशभर में विरोध-प्रदर्शन भी हुए.

चार्जशीट में कौन-कौन आरोपी

सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में कुछ छात्रों के माता-पिता के नाम भी शामिल हैं. इस मामले में नीतीश कुमार और अमित आनंद दो मुख्य आरोपी बनाए गए है,जबकि आरोपपत्र में चार अन्य आयुष कुमार,अनुराग यादव,अभिषेक कुमार और शिवनंदन कुमार भी शामिल है. बिहार के दानापुर नगर परिषद के जूनियर इंजीनियर सिकंदर यादवेंदु का भी नाम इसमें शामिल है.

आरोपियों पर किस धारा के तहत केस दर्ज

चार परीक्षार्थियों समेत सभी 13 आरोपियों पर आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक साजिश से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. अब तक की जांच के दौरान सीबीआई का मानना ​​है कि पटना के गोपालपुर निवासी नीतीश कुमार मुख्य आरोपी है और कथित तौर पर चार "सेटर्स" में से एक है. उसने अमित आनंद और सिकंदर यादवेंदु के साथ मिलकर 30-32 लाख रुपये में पेपर बेचा. जांच में यह भी पता चला कि यादवेंदु ने कुमार और आनंद से कहा था कि उसके पास चार छात्र हैं जो पेपर खरीदने को तैयार है.

सीबीआई की चार्जशीट में क्या खुलासा

चार्जशीट में कहा गया है,"4 मई की रात (परीक्षा की पूर्व संध्या) अमित ने चार छात्रों को बुलाया और लीक हुए प्रश्नपत्र को हल करने और उत्तर याद करने के लिए कहा."एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटाने के लिए उन्नत फोरेंसिक तकनीक,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस,सीसीटीवी फुटेज और लोकेशन एनालिसिस समेत अन्य का इस्तेमाल किया है,जिसे अदालत के समक्ष पेश किया गया है.

अधिकारी ने बताया,"सीबीआई अन्य आरोपियों/संदिग्धों के खिलाफ और मामले के अन्य पहलुओं पर आगे की जांच जारी रखे हुए है. कई अन्य आरोपी पहले से ही हिरासत में हैं. जब अन्य लोगों के खिलाफ जांच पूरी हो जाएगी,तो आरोपपत्र फिर दाखिल किया जाएगा." अब तक केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले में 40 लोगों को गिरफ्तार किया है - जिनमें बिहार पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 15 लोग भी शामिल है.

चार्जशीट की मुख्य बातें

नीतीश कुमार को इस साल की शुरुआत में बिहार लोक सेवा (BPSC) परीक्षा में कथित पेपर लीक के सिलसिले में जेल भी जाना पड़ा था.मुंगेर के मंगल बाजार निवासी अमित आनंद ने सीबीआई को बताया है कि प्रश्नपत्र परीक्षा से एक दिन पहले 4 मई को लीक हुआ था.पटना के राजीव नगर में रहने वाले जमुई निवासी आशुतोष कुमार को "सेटर" अमित आनंद का सहयोगी माना जाता है.नालंदा के एकंगरसराय निवासी 35 वर्षीय रोशन कुमार भी राजीव नगर में रहते हैं और अमित आनंद के सहयोगी है. कथित तौर पर उनकी भूमिका उम्मीदवारों को प्रश्नपत्र खरीदने के लिए राजी करना था.पटना के दानापुर के अनुराग यादव ने कथित तौर पर "सेटर" से संपर्क किया था.

अब तक 6 एफआईआर दर्ज

कथित NEET-UG अनियमितताओं का प्रारंभिक मामला पटना पुलिस ने 5 मई को दर्ज किया था और बाद में 23 जून को इसे सीबीआई को सौंप दिया गया. एजेंसी ने 38 दिनों में पहली चार्जशीट दाखिल की. अब तक,सीबीआई ने छह एफआईआर दर्ज की हैं. बिहार की एफआईआर पेपर लीक पर है,जबकि गुजरात,राजस्थान और महाराष्ट्र की बाकी एफआईआर डमी कैंडिडेट और धोखाधड़ी से जुड़ी है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के संदर्भ पर दर्ज की गई एक अन्य एफआईआर NEET-UG 2024 में कथित अनियमितताओं की "व्यापक जांच" से संबंधित है.

नीट से जुड़ी याचिकाओं पर शुक्रवार को आएगा फैसला

नीट से जुड़ी याचिकाओं पर दो अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आएगा. दरअसल,23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने नीट को दोबारा आयोजित करने से इंकार कर दिया था. कोर्ट ने साफ किया था कि इसको लेकर विस्तृत आदेश आने वाले दिनों में आएगा. अब दो अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय इस पर अपना फैसला सुनाएगा. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित नीट-यूजी परीक्षा पेपर लीक मामले में गुरुवार को पहला आरोपपत्र दाखिल किया. इसमें 13 लोगों को आरोपी बनाया गया.