बांग्लादेश में हो रही हिंसा के खिलाफ गुवाहाटी में विरोध-प्रदर्शन. (PTI)
दिल्ली:
शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा और देश छोड़ने के बाद से बांग्लादेश में हिंदुओं पर कथित तौर पर जुल्म और सितम (Bangladesh Attack On Hindus) हो रहे हैं. बांग्लादेश के हिंदू और अल्पसंख्यक वहां बिल्कुल भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे. उनके घरों को लूटा जा रहा है,उन पर हमले किए जा रहे हैं,हालात इतने खराब हैं कि वहां पर उनका जीना मुहाल हो गया है. हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की ऐसी स्थिति को लेकर भारत भी काफी चिंता में है. असम के गुवाहाटी में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. गुवाहाटी में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग के बाहर दक्षिणपंथी समूह के लोग विरोध-प्रदर्शन (Guwahati Protest) किया. प्रदर्शनकारियों ने वहां पर हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की कड़ी आलोचना की.
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"हिंदुओं पर हो रहे हमले रोके जाएं"
प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली कार्यवाहक सरकार के सामने अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को तुरंत रोकने के लिए कदम उठाने के लिए आठ सूत्रीय मांग रखी है. इस हफ्ते की शुरुआत में शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से ही वहां पर अल्पसंख्यक समुदायों विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ जमकर हिंसा हो रही है. 25 से ज्यादा जिलों में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है. घुसपैठ के मद्देनजर उत्तरी बंगाल की सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है. बॉर्डर पर बड़ी संख्या में बीएसएफ को तैनात किया गया है.बांग्लादेश बॉर्डर पर घुसपैठ की कोशिश नाकाम
बीएसएफ ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश की मदद से शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले में बांग्लादेश से लगती सीमा पर घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया. सीमा सुरक्षा बल के एक प्रवक्ता के अनुसार,बीएसएफ को "पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में भारत-बांग्लादेश सीमा पर लगभग 1,000 बांग्लादेशी नागरिकों के सीमा पर आने की बात पता चली,जो भारत में शरण लेने के इरादे से सीमा पर आ रहे थे".जानकारी मिलने पर बीएसएफ ने तुरंत इन बांग्लादेशी नागरिकों को वापस लेने के लिए बीजीबी से संपर्क किया. इसके बाद दोनों एजेंसियों की तरफ से यह सुनिश्चित किया गया कि सीमा पर शांतिपूर्ण तरीके से स्थिति नियंत्रित की जाए. कूचबिहार जिले के स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करके बीएसएफ की त्वरित कार्रवाई ने मुद्दे को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.