ईरान की यूनिवर्सिटी कैंपस में लड़की ने उतारे कपड़े और फिर... जानिए पूरा मामला?

एक ईरानी लड़की (Irani Girl) को यूनिवर्सिटी कैंपस में अपने कपड़े उतारने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार,यह घटना शनिवार की है और लड़की ने देश के सख्त इस्लामी ड्रेस कोड के खिलाफ विरोध में अपने कपड़े उतारे. वहीं कुछ रिपोट्स में यह भी कहा गया कि लड़की के साथ मोरैलिटी पुलिस ने गलत बर्ताव किया,जिसके विरोध में उसने यह कदम उठाया.

ईरानी पत्रकार मसीह अलीनेजाद ने ट्विटर इस घटना के संबंध में लिखा,'ईरान में,यूनिवर्सिटी मोरैलिटी पुलिस ने 'अनुचित' हिजाब के कारण एक छात्रा को परेशान किया,लेकिन उसने पीछे हटने से इनकार कर दिया. उसने अपने शरीर को विरोध में बदल दिया,अपने अंडरवियर उतार दिए और कैंपस में मार्च किया . उसका यह कृत्य ईरानी महिलाओं की आजादी की लड़ाई की एक शक्तिशाली याद होगी. हां,हम अपने शरीर का इस्तेमाल हथियार की तरह करते हैं ताकि एक ऐसी व्यवस्था से लड़ सकें,जो महिलाओं को उनके बाल दिखाने के लिए मार देती है.'

अपने ट्वीट में अलीनेजाद ने यह भी बताया कि यह घटना तेहरान की साइंस और रिसर्च यूनिवर्सिटी की है. इसके बाद उसे अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया. ईरान की सरकारी एजेंसी आईआरएनए के मुताबिक इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी के जनसंपर्क महानिदेशक आमिर महजौब ने रविवार को अपने एक्स अकाउंट पर घटना पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने दावा किया कि छात्रा ने 2 नवंबर को अनैतिक कार्य किया था.महजौब ने बताया कि उत्तरी तेहरान में स्थित इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी की साइंस और रिसर्च ब्रांच में एक छात्रा द्वारा की गई अभद्र हरकत के बाद,परिसर की सुरक्षा ने कदम उठाए और उसे कानून प्रवर्तन अधिकारियों को सौंप दिया. उन्होंने कहा कि जांच से पता चला है कि छात्रा मानसिक दबाव में थी.

अधिकारी ने मीडिया में चल रही इस चर्चा को खारिज कर दिया कि परिसर की सुरक्षा ने लड़की के साथ शारीरिक संपर्क किया. इस बीच एमनेस्टी ईरान ने छात्रा की तुरंत रिहाई की मांग की है. मानवाधिकार संस्था ने शनिवार को ट्वीट किया,'ईरान के अधिकारियों को विश्वविद्यालय की उस छात्रा को तुरंत और बिना शर्त रिहा करना चाहिए,जिसे 2 नवंबर को हिंसक तरीके से गिरफ्तार किया गया,जब उसने तेहरान के इस्लामिक आज़ाद यूनिवर्सिटी में सुरक्षा अधिकारियों द्वारा अनिवार्य बुर्का पहनने के अपमानजनक प्रवर्तन के विरोध में अपने कपड़े उतार दिए.'

एमनेस्टी ईरान ने ट्वीट में कहा,'उसकी रिहाई तक,अधिकारियों को उसे यातना और अन्य दुर्व्यवहार से बचाना चाहिए और परिवार और वकील तक पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए. गिरफ्तारी के दौरान उसके खिलाफ मारपीट और यौन हिंसा के आरोपों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जरूरत है. जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.'पिछले कुछ सालों में ईरान में महिलाओं द्वारा ड्रेस कोड का विरोध बढ़ा है. 1979 की क्रांति के बाद ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य कर दिया गया. इन प्रतिबंधों ने कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों द्वारा कई आंदोलनों को जन्म दिया जो अनिवार्य हिजाब को चुनौती देते हैं.

सितंबर 2022 में मोरैलिटी पुलिस की हिरासत में एक युवा ईरानी महिला महसा अमिनी की मौत के बाद देश भर में बड़े पैमाने पर हिजाब प्रतिबंधों के खिलाफ प्रोटेस्ट शुरू हो गए जिन्हें सरकार ने शक्ति से दबा दिया. अमिनी को सरकारी मानकों के अनुसार हिजाब नहीं पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. सरकार का दावा था कि उसे एक पुलिस स्टेशन में दिल का दौरा पड़ा,वह गिर गई,और अस्पताल ले जाने से पहले वह कोमा में चली गई. हालांकि,अमिनी के साथ हिरासत में ली गई महिलाओं सहित प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उसे बुरी तरह पीटा गया था और पुलिस की बर्बरता के परिणामस्वरूप उसकी मौत हो गई.

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