कनाडा के वीजा नियम में आ गए हैं बदलाव, जाने से पहले पढ़ लें ये ख़बर

ओटोवा:

प्रवासियों को रोकने के लिए कनाडा के नवीनतम कदम भारत सहित हजारों विदेशी छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं.इसका उन लोगों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा जो वर्क और रेजिडेंट परमिट के लिए आवेदन करते हैं. यह नए नियम फरवरी की शुरुआत से प्रभावी हो गए हैं और इनके तहत कनाडाई बॉर्डर अधिकारियों को [यदि वे ऐसा करना जरूरी समझें] - छात्रों,कामगारों और प्रवासियों के वीजा स्टेट्स में किसी भी समय बदलाव करने की शक्तियां मिल गई हैं.

क्या हैं नए नियम?

नए इमिग्रेशन और शरणार्थी संरक्षण विनियमों के तहत,कनाडाई बॉर्डर कर्मियों को अब अस्थायी निवासी दस्तावेजों जैसे इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण या ईटीए और अस्थायी रेजिडेंट वीजा या टीआरवी को अस्वीकार करने की शक्तियां प्रदान की गई हैं. इसका मतलब यह है कि सीमा अधिकारी अब ऐसे डॉक्यूमेंट्स को रद्द कर सकते हैं,जिनमें वर्क परमिट और स्टूडेंट वीज़ा शामिल हैं. हालांकि परमिट और वीजा को अस्वीकार करने के लिए कुछ दिशा-निर्देशों का पालन करना जरूरी है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसमें एक दिशा-निर्देश यह भी है कि अगर कोई अधिकारी इस बात से आश्वस्त नहीं है कि व्यक्ति अपने अधिकृत प्रवास की अवधि समाप्त होने के बाद कनाडा छोड़ देगा,तो वे कनाडा में रहने के दौरान भी उसके प्रवेश को अस्वीकार कर सकता है या उसका परमिट रद्द कर सकता है.

इस तरह का निर्णय लेने की विवेकाधीन शक्तियां पूरी तरह से अधिकारी के पास निहित हैं.इन नए नियमों और विनियमों में अनिश्चितता की गुंजाइश है,और यह संभावित रूप से बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय छात्रों और श्रमिकों को प्रभावित कर सकते हैं.

कनाडा,भारतीय छात्रों,श्रमिकों और कानूनी प्रवासियों के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्यों में से एक है.सरकारी आंकड़ों के अनुसार,वर्तमान में कनाडा में अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 4.2 लाख से अधिक है.


यदि किसी छात्र,कर्मचारी या प्रवासी को प्रवेश से वंचित कर दिया जाता है,तो उन्हें प्रवेश के समय बंदरगाह पर रोक दिया जाएगा और उनके देश वापस भेज दिया जाएगा.यदि किसी व्यक्ति का परमिट रद्द कर दिया जाता है,[जबकि वह पहले से ही कनाडा में अध्ययन,काम या निवास कर रहा है],तो उसे तय तिथि तक देश छोड़ने का नोटिस दिया जाएगा.

इन श्रेणियों के अलावा,बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटक भी कनाडा जाते हैं.इनमें से सभी के पास अलग-अलग अवधि के लिए अस्थायी परमिट भी हैं.2024 के पहले छह महीनों में,कनाडा ने 3.6 लाख से ज्यादा भारतीयों को ट्रैवल वीजा जारी किया.कनाडाई अधिकारियों द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार,2023 में भी,साल के पहले छह महीनों में भारतीयों की संख्या 3.4 लाख थी.

नए नियमों का असर जिन लोगों पर पड़ेगा,उन्हें इमिग्रेशन,रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप कनाडा की तरफ से ईमेल के साथ-साथ उनके आईआरसीसी अकाउंट के जरिए सूचना दी जाएगी.इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि ऐसे व्यक्तियों द्वारा निवेश किए गए या पहले से भुगतान किए गए पैसे का क्या होगा?सिर्फ़ तीन महीने पहले - नवंबर 2024 में,कनाडा ने स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम या एसडीएस वीजा प्रोग्राम को बंद कर दिया था.यह उन भारतीय छात्रों के लिए एक पसंदीदा रूट था,जो उत्तरी अमेरिकी देश में अपनी शिक्षा के लिए आश्वस्त होने के लिए पहले से पैसे की गारंटी देने के लिए तैयार थे.