महाराष्ट्र से 107 पाकिस्तानी नागरिकों के लापता होने की खबर झूठी, CM फडणवीस ने कहा-फैलाई जा रही अफवाह

पाकिस्तानी नागरिकों के लापता होने की खबर झूठी: मुख्यमंत्री फडणवीस

मुंबई:

पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने देश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने का आदेश जारी किया था. इसी बीच महाराष्ट्र से 107 पाकिस्तानी नागरिकों के लापता होने की खबरों सामने आ रही थी. इसी खबर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बयान में कहा,“107 पाकिस्तानी नागरिकों के लापता होने की अफवाहें गलत हैं. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि सभी का पता लगा लिया गया है. उन्हें देश से बाहर भेजने की व्यवस्था की जा रही है. किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को यहां रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी. मुझे उम्मीद है कि आज शाम या कल सुबह तक वे अपने देश वापस चले जाएंगे.” राज्य के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने बताया कि महाराष्ट्र में कुल 5,023 पाकिस्तानी नागरिक मौजूद हैं.

कितने और कहां सबसे ज्यादा पाकिस्तानी नागरिक -

नागपुर - 2,458ठाणे - 1,106जलगांव - 393पिंपरी-चिंचवड़ - 290नवी मुंबई - 239अमरावती - 117पुणे - 114वासिम - 106छत्रपति संभाजीनगर और कोल्हापुर - 58-58मीरा-भाईंदर - 26अकोला - 22अहिल्यानगर और यवतमाल - 14-14रायगढ़ और सोलापुर - 17-17


गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने बताया कि राज्य में करीब 1,000 पाकिस्तानी नागरिक अल्पकालिक वीजा पर आए हैं,जिनमें चिकित्सा वीजा धारकों को दो दिन का अतिरिक्त समय दिया गया है. वहीं,4,000 नागरिक दीर्घकालिक वीजा पर रह रहे हैं.


इनमें से 1,000 दक्षेस वीजा धारक हैं,जो फिल्म,चिकित्सा,पत्रकारिता और व्यक्तिगत कार्यों के लिए आए हैं. कुछ पाकिस्तानी नागरिक 8-10 वर्षों से राज्य में रह रहे हैं और कुछ का यहां विवाह भी हुआ है. कई ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन भी कर रखा है.

संदिग्ध नागरिकों की गहन जांच

सरकार ने स्पष्ट किया है कि वीजा अवधि खत्म होने के बाद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को राज्य में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी. राज्य भर में संदिग्ध नागरिकों की गहन जांच और निगरानी की जा रही है ताकि सुरक्षा व्यवस्था कायम रहे.

महाराष्ट्र के मंत्री योगेश कदम ने शनिवार को कहा था कि राज्य में 5,000 पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं,जिनमें 1000 अल्पकालिक वीजा पर हैं और उन्हें केंद्र के निर्देशानुसार देश छोड़ने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग पिछले 8-10 वर्षों से भारत में रह रहे हैं,कुछ का यहां विवाह हुआ है और कुछ ऐसे हैं जिन्होंने अपना पाकिस्तानी पासपोर्ट जमा कर दिया है और भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है.