शौर्यगाथा ‘ऑपरेशन सिंदूर’: इंसानियत- पाकिस्तान ने फिर दिखाया जिंदगियों और उसूलों की नहीं है परवाह… EP 3

India-Pakistan Operation Sindoor: शौर्यगाथा ‘ऑपरेशन सिंदूर’: इंसानियत

“माइकल मैंने सुना था कि चोरों के भी कुछ उसूल होते हैं.”


“तुमने ठीक ही सुना है बरखुरदार चोरों के ही उसूल होते हैं.”

1974 में आई आइकॉनिक फिल्म ‘मजबूर' का यह आइकॉनिक डॉयलॉग लिखकर सलीम-जावेद की जोड़ी ने यह दोहराया था कि समाज के किसी भी पायदान पर खड़े इंसान से भी न्यूनतम उसूलों की उम्मीद की जा सकती है. लेकिन आतंकवाद की फसल बोने और काटने वाले पाकिस्तान ने भारत के साथ टकराव (Operation Sindoor) की स्थिति में चोरों जितने भी उसूल नहीं दिखाए.

हम आपके लिए लेकर आए हैं शौर्यगाथा ‘ऑपरेशन सिंदूर'. 5 एपिसोड की इस सीरिज में हम आपको बताएंगे हमारी तीनों सेनाओं की उस पराक्रम की कहानी जिसने पूरे देश का मस्तक आज गर्व से ऊंचा कर दिया है,पाकिस्तान को पाकिस्तान के अंदर चोट पहुंचाई है. वैसे प्रहार तो आतंकवादियों पर शुरू किया लेकिन जब पाकिस्तान ने हिमाकत दिखाई तो उसकी सेना को अपनी ताकत दिखाई. यह है शौर्यगाथा ‘ऑपरेशन सिंदूर' का तीसरा एपिसोड– ‘इंसानियत'. इससे पहले के सभी एपिसोड को पढ़ने के यहां क्लिक करें.

शौर्यगाथा ‘ऑपरेशन सिंदूर'– ‘इंसानियत'

पहलगाम हमले में जब पाकिस्तान के आतंकियों ने हमारे 26 मासूम लोगों को मौत के घाट उतार दिया तो भारत ने ठान लिया था कि अब बहुत हो गया,अब पाकिस्तान की आतंकवाद की नर्सरी सहने लायक नहीं है. पाकिस्तान ने अपने जन्म के बाद से ही ठीक यही तो किया है. अब जरूरत थी पाकिस्तान को उसी के भाषा में जवाब देने की.

भारत ने 6 और 7 मई की दरमयानी रात उसके 9 आतंकी ठिकानों को ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) चलाकर तबाह कर दिया. भारत ने पाकिस्तान का घर साफ किया था. लेकिन पाकिस्तान ने थैंक्यू कहने की जगह अपनी औकात दिखाई. भारत ने न तो उसके सैन्य ठिकानों को और न ही आम नागरिकों को कोई हानी पहुंचाई थी. लेकिन जो मुल्क आतंकियों को ही अपना खास मानता हो,उसे दर्द तो होना ही था. पाकिस्तान ने कहा कि भारत ने उसके लोगों पर हमला किया है. उसकी सेना और पुलिस आतंकियों के जनाजे में दिखी. उसने हिमाकत की.

पाकिस्तान ने भारत के आम नागरिकों और सेना पर अटैक की कोशिश की. पाकिस्तान ने भारत के उपर ड्रोन,मिसाइलों और बॉर्डर एरिया में गोली-तोप से हमला किया. 8 मई की रात को,इस्लामाबाद ने भारत के प्रमुख सीमावर्ती राज्यों में कई भारतीय ठिकानों को निशाना बनाया. भारत के मजबूत एयर डिफेंस ने उसके हर सवाल का तीखा जवाब दिया.

लेकिन इन सबके बीच पाकिस्तान ने अपना रंग दिखा दिया था. उसे भारत से जंग करनी था तो आमने-सामने की करता. लेकिन उसने भारत के आम नागरिकों पर हमला करते समय अपने आम लोगों और विदेशी नागरिकों को मोहरा बनाया. भारत इंसानियत दिखा रहा था,उसके लिए किसी भी जंग को जीतने से ज्यादा अहम यह था कि कोलैटरल डैमेज के रूप में आम नागरिकों को मौत न हो.भारत ने अपने पूरे के पूरे एयर स्पेस को बंद कर दिया था,सभी उड़ानों को कैंसिल करके उन्हें ग्राउंड कर दिया गया था. उसूल कहता है कि पाकिस्तान को भी यही करना चाहिए था. कम से कम इंसान योनी में पैदा होने भर से आपकी जमीर को तो यही करना चाहिए था. लेकिन पाकिस्तान ने इतना भी नहीं किया. उसने हर उसूल तोड़े. पाकिस्तान ने अपने लोगों और पाकिस्तान से आ-जा रहे विदेशियों को कवच/ शिल्ड के रूप में इस्तेमाल किया. उसे मालूम था कि भारत की एयरफोर्स उसका क्या हाल कर सकती है. लेकिन भारत किसी पैसेंजर फ्लाइट पर भूल से भी हमला नहीं करेगा.

भारतीय एयरफोर्स ने 9 मई को बताया कि पाकिस्तान पैसेंजर फ्लाइट को 'ढाल' के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. उसने खुद भारत पर हमला करते समय भी अपने नागरिक हवाई क्षेत्र (सिविल एयरस्पेस) को बंद नहीं किया. विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर एक स्पेशल ब्रीफिंग के दौरान प्रेस को बताया,"पाकिस्तान का गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार फिर से सामने आया है. 7 मई को रात 8:30 बजे एक असफल,बिना वजह ड्रोन और मिसाइल हमले करने के बावजूद उसने अपने नागरिक हवाई क्षेत्र को बंद नहीं किया."

"पाकिस्तान नागरिक विमान को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. यह अच्छी तरह से जानते हुए कि भारत पर उसके हमले से जवाब में तेज एयर डिफेंस रिस्पॉन्स मिलेगा."

वहीं आर्मी की तरफ से कर्नल सोफिया कुरैशी ने ड्रोन हमले के समय का फ्लाइट-ट्रैकिंग डेटा का एक प्रिंटआउट भी दिखाया. उसमें साफ दिख रहा था कि पाकिस्तान के हमले के बीच भारत का एयर स्पेस में एक भी सिविल फ्लाइट उड़ान नहीं भर रही थी. वहीं दूसरी तरफ सिविल एयरलाइंस कराची और लाहौर के बीच उड़ान भरती रहीं.

और यहीं पर भारत ने इंसानीयत दिखाती. विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा,"भारतीय वायु सेना ने अपनी प्रतिक्रिया (जवाब) में काफी संयम दिखाया. इससे इंटरनेशनल सिविल उड़ानों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई."

शायद पाकिस्तान भूल गया था भारत बुद्ध की भी धरती है तो गुरु गोबिंद सिंह जी भी धरती है. हम शांति की बात भी करते हैं तो जरूरत पड़ने पर सवा लाख से एक लड़ाने की हिम्मत भी रखते हैं. भारत ने इंसानीयत दिखा दी थी. अब बारी थी अपना तांडव दिखाने की. उस तांडव में भी यह सुनिश्चित किया गया कि पाकिस्तान का एक भी आम नागरिक न मरे. तो अगले एपिसोड में यहीं से शुरू करेंगे शौर्यगाथा ‘ऑपरेशन सिंदूर' का चौथा अध्याय- ‘तांडव'. बने रहिए एनडीटीवी इंडिया के साथ.

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