इजरायल पूरे गाजा पर कब्जा करने निकला! पश्चिमी देशों ने दी प्रतिबंध की धमकी- क्या नेतन्याहू मजबूर हैं?

इजरायल ने पूरे गाजा पर कब्जा करने की कसम खाई है

Israel vows to ‘take control' of Gaza: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अब कसम खा ली है कि वो पूरे गाजा पर कब्जा करने जा रहे हैं. लेकिन अब इजरायल के तीन प्रमुख सहयोगी देशों ने उसके सैन्य अभियान को "गंभीर" रूप से बढ़ाने और मानवीय सहायता पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए हमला किया है.

ब्रिटेन,फ्रांस और कनाडा ने इजरायल के युद्ध के विस्तार को असंगत बताते हुए उस पर जुबानी हमला किया है,गाजा में जारी स्थितियों को "असहनीय" बताया और धमकी दी कि अगर इजरायल का अभियान जारी रहा तो "ठोस" प्रतिक्रिया दी जाएगी. उसने इजरायल पर प्रतिबंधों को लादने तक की बात कह दी है.

इजरायल ने क्या कसम खाई है?

इजरायल की सेना ने पूरे शहर को युद्ध क्षेत्र घोषित कर दिया है. द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार हवाई हमलों में 60 से अधिक लोग मारे गए. इजरायल के वित्त मंत्री,बेजेलेल स्मोट्रिच ने कहा कि इजरायल की सेना फिलिस्तीनी गाजा के अवशेषों को "मिटा" देगी.

बीते वीकेंड (शनिवार-रविवार) में भारी बमबारी में सैकड़ों फिलिस्तीनी मारे गए हैं.गाजा नागरिक सुरक्षा का कहना है कि सोमवार को इजरायली हमलों में 91 लोग मारे गए. हमलों में गाजा पट्टी के क्षतिग्रस्त अस्पतालों को भी निशाना बनाया,जिससे गाजा के अंदर युद्ध से मरने वालों की कुल संख्या 53,486 हो गई,जिनमें से अधिकांश नागरिक हैं.

गाजा के अंदर इजरायल के हमले में घायल बच्ची

इजरायली सेना ने पूरे मध्य खान यूनिस शहर को "युद्ध क्षेत्र" घोषित कर दिया है. वहां के नागरिकों को वहां से चले जाने का आदेश दिया गया है. इनमें से अधिकांश लोग बार-बार विस्थापित हुए हैं,भूख से कमजोर हो गए हैं और गाजा पट्टी का अधिकांश हिस्सा खंडहर हो जाने के कारण उनके पास जाने के लिए कोई जगह नहीं है. नेतन्याहू उनको अपने ही देश से निकालकर किसी तीसरे देश भेजना चाहते हैं.नेतन्याहू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,"अब हम जीतेंगे हैं,साफ करेंगे हैं और तब तक बने रहेंगे जब तक हमास नष्ट नहीं हो जाता.. यह सब करने में,गाजा पट्टी के बचे हुए हिस्से को भी साफ किया जा रहा है."

"युद्ध के हिस्से के रूप में,इजरायली सेना आबादी को युद्ध क्षेत्रों से बाहर ले जा रहा है ... आबादी पट्टी के दक्षिण में पहुंच जाएगी,और वहां से,भगवान की मदद से,राष्ट्रपति ट्रंप की योजना के तहत तीसरे देशों में चली जाएगी."

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि पिछले चार दिनों में गाजा में लगभग 100,000 फिलिस्तीनी विस्थापित हुए हैं क्योंकि इजरायल ने पट्टी पर अपना जमीनी आक्रमण बढ़ाया है.

पश्चिमी देश कर रहे विरोध

ब्रिटेन,फ्रांस और कनाडा- तीनों सहयोगी सरकारों ने सोमवार को एक बयान में कहा,"जब तक नेतन्याहू सरकार ऐसी गंभीर कार्रवाइयां करेगी,तब तक हम चुप नहीं बैठेंगे. अगर इजरायल नए सिरे से सैन्य हमले को नहीं रोकता है और मानवीय सहायता पर अपने प्रतिबंध नहीं हटाता है,तो हम प्रतिक्रिया में आगे ठोस कार्रवाई करेंगे." इन देशों ने प्रतिक्रिया के रूप में इजरायल पर सैंक्शन यानी प्रतिबंध लगाने तक की धमकी दी है.

उन्होंने तत्काल युद्धविराम और दो-राज्य समाधान (टू-स्टेट सॉल्यूशन) के लिए अमेरिका,कतरी और मिस्र के नेतृत्व वाले प्रयासों का भी समर्थन किया.

गाजा के अंदर इजरायल के हमले में घायल बच्चा

नेतन्याहू ने क्या जवाब दिया?

गाजा में इजरायल के सैन्य अभियानों के विस्तार पर यूनाइटेड किंगडम,फ्रांस और कनाडा के कड़े विरोध के बाद,बेंजामिन नेतन्याहू ने उन देशों और उनके नेताओं की तीखी आलोचना की,और उन पर 7 अक्टूबर,2023 को हमास के नरसंहार हमले को पुरस्कृत करने का आरोप लगाया.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कड़े शब्दों में लिखे गए पोस्ट में,नेतन्याहू ने कहा,"हमारी सीमा पर हमास आतंकवादियों को नष्ट करने से पहले इजरायल से हमारे अस्तित्व के लिए रक्षात्मक युद्ध को समाप्त करने के लिए कहकर और फिलिस्तीनी राज्य की मांग करके,लंदन,ओटावा और पेरिस के नेता 7 अक्टूबर को इजरायल पर नरसंहार हमले के लिए एक बड़ा पुरस्कार दे रहे हैं,जबकि इस तरह के और अत्याचारों को आमंत्रित कर रहे हैं."

उन्होंने कहा,"यह बर्बरता पर सभ्यता का युद्ध है. जब तक पूरी जीत हासिल नहीं हो जाती,तब तक इजरायल उचित तरीकों से अपनी रक्षा करना जारी रखेगा."

भूखे गाजा पर रहम दिखाना नेतन्याहू के बस में नहीं?

गाजा में गंभीर अकाल की स्थिति है. ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय दबाव ने इजरायली प्रधान मंत्री को रविवार रात यह घोषणा करने के लिए मजबूर किया कि वह "भुखमरी संकट" को रोकने के लिए गाजा की 11 सप्ताह की घेराबंदी को कम कर देंगे और मानवीय सहायता (खाना-पानी लिए) वाले ट्रकों को गाजा में घुसने देंगे.

द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 24 घंटे बाद संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि सहायता के नौ ट्रकों को प्रवेश की मंजूरी दे दी गई है. यह युद्ध से पहले गाजा में आने वाली हर दिन की शिपमेंट के 2% से भी कम है. तब गाजा में फिलिस्तीनियों को अच्छी तरह से खाना मिलता था और पट्टी का अपना कृषि क्षेत्र था. ऐसे में इन 9 ट्रक से इसकी 23 लाख की आबादी में से अधिकांश को प्रभावित करने वाले संकट पर कोई सार्थक अंतर नहीं पड़ेगा.

गाजा में खाने-पीने की एक बूंद भी आने देने के नेतन्याहू के फैसले पर उनके अपनी कैबिनेट के सदस्यों सहित धुर दक्षिणपंथी आलोचकों ने हमला किया है. सोमवार को उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें बताया गया कि उनके करीबी सहयोगियों ने उन्हें मजबूर किया था.

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