नई दिल्ली:
संविधान को अंगीकार करने के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आज मंगलवार को देश भर में कार्यक्रम हो रहे हैं.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) मंगलवार को संविधान सदन के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. इस कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़,लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी हिस्सा लिया. हाल ही में एनडीटीवी संवाद कार्यक्रम के पहले एपिसोड संविधान @75 में रविवार को संविधान के कई पहलूओं पर गंभीर चर्चा हुई थी. इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के 50वें चीफ जस्टिस रहे डीवाई चंद्रचूड़,49वें चीफ जस्टिस रहे यूयू ललित,पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू सहित देश की जानी-मानी हस्तियों ने हिस्सा लिया था.
डीवाई चंद्रचूड़ ने विभिन्न मुद्दों पर बात की थी उन्होंने जजों की नियुक्ति वाले कॉलेजियम सिस्टम की पुरजोर वकालत की थी और कहा था कि इसके काम करने को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं. यह संघीय व्यवस्था में बहुत अच्छी व्यवस्था है.
देश के 49वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया यूयू ललित ने संविधान@75 के ‘NDTV INDIA संवाद' में कहा कि संविधान ये नहीं मानता कि सरकार का कोई धर्म हो. हर नागरिक अपना धर्म अपना सकता है. ये उसका अधिकार है. हालांकि,इस देश में धर्म के नाम पर हिंसा और दंगे होते आए हैं.
भारत के पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विकास सिंह ने कहा कि संविधान में समाज में सभी को साथ लेकर चलने के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई थी.अब यही देखते हुए महिलाओं के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था की गई है. न्यायिक तंत्र में भी इसकी व्यवस्था होनी चाहिए.
पूर्व कानून मंत्री और भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने संविधान की मूल प्रति दिखाई और बताया कि इसमें फंडामेंटल राइट्स के ऊपर प्रभु राम की तस्वीर लगी है. इसमें वो लंका विजय के बाद भाई लक्ष्मण और माता सीता के साथ लौट रहे हैं. मूल संविधान में गौतम बुद्ध,महावीर और हनुमान जी की भी तस्वीर लगी है. नटराज की भी तस्वीर लगी है. उन्होंने सभी की तस्वीरें भी दिखाईं और संविधान बनाने वाले सदस्यों के हस्ताक्षर भी दिखाए. इसके बाद उन्होंने सवाल किया कि संविधान आज बना हुआ होता और अगर इन तस्वीरों को आज लगाया जाता तो क्या कहा जाता कि भारत हिंदू राष्ट्र बन गया है.
जस्टिस एके सीकरी ने कहा कि संविधान बने 75 साल हो गए. थॉमस जेफरसन ने 150 साल पहले कहा था कि कोई भी संविधान 17 या 19 साल बाद बदल देना चाहिए. उस समय के दुनिया के संविधान को देखकर उन्होंने कहा था. उस समय अमेरिका का संविधान नया था. आज हमारा संविधान 75 साल हो गए. इस बीच हमारे आसपास और दुनिया के कई देशों का संविधान बदल गया. कइयों के तो 3-4 बार संविधान बदल चुके हैं. हमारे संविधान की खासियत ये है कि मानव अधिकारों का खास ख्याल रखा गया था.
कानून मंत्री रहे किरेन रिजिजू ने कहा कि,''एनडीटीवी ने जो कार्यक्रम रखा है,यह बहुत सही समय पर और बहुत ही उपयोगी कार्यक्रम है.